हिम्मत मत हार।

हिम्मत मत हार।
कठिन हो गर डगर।।
कोशिश कर बारंबार।
घबराकर जीवन की राहों से।।
चाहे टकराना पड़े।
दुर्गम, कंटीली राहों से।।
जो सहस्र बार गिरकर उठता है।
वो निश्चित मंजिल फतह कर पाता है।।
सदैव नतमस्तक करता है "जग" उस नर को।
जिसमें विनीत संग शौर्य रहे।।
उर में उसके करुणा का भंडार रहे।
दया, क्षमा का जिसमें नीर बहे।।
चुनौतियों को जो स्वीकार करें।
परिस्थितियां जिसका "हार" बने।।
तू अतुलित बलशाली है।
जो डिगा हिमालय सकता है।।
उसका रथ आखिर कौन रोक सकता है?
जो ठान लेता है  विजय सदैव ही होता है।।
दृढ़ निश्चय कर ले तू मन से।
सिंधु पीछे हट सकता है।।
आने वाले उस महान क्षण से पहले।
जीवन में कुछ तय कर जाना है।।
कठिन समर है जीवन भी।
धैर्यवान कहां घबराता है।।
वो डटे रहता है,नहीं हटा।
अनगिनत विघ्न बाधाओं से।।
जब तक है अंतिम सांस।
सतत तुम प्रयास करो।।












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